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जीवन कर्म बहुत आपकी हैं हम क़सम हिंदी ग़ज़ल ज़्यादा खाकर वो थी कौन गौरैया थी मेरी ख़ता फुर्सत कब ऊंचा

Hindi बहुत ज़्यादा थी Poems